Gandhi Jayanti Hindi Speeches

महात्मा गांधी जयंती भाषण: प्रेरणादायक विचारों का परिचय

2 अक्टूबर को पूरे भारत में महात्मा गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन महात्मा गांधी के विचारों को याद किया जाता है और उनके कार्यों के महत्व पर प्रकाश डाला जाता है। गांधीजी के भाषण अहिंसा, सत्याग्रह और सामाजिक न्याय के महत्व पर जोर देते हैं। अपने भाषणों के माध्यम से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जनता को प्रेरित किया।

हम महात्मा गांधी के कुछ प्रसिद्ध भाषणों की समीक्षा करने जा रहे हैं। आइए चर्चा करें कि उन्होंने अपने भाषणों में अपने विचारों को कैसे प्रस्तुत किया, उनके विचार आज कैसे प्रासंगिक हैं और उनके विचारों ने समाज को कैसे बदल दिया। तो आइये शुरू करते हैं गांधी जी के प्रेरक विचारों की यात्रा


“प्रिय साथियों, आज हम महात्मा गांधी की जयंती मना रहे हैं। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। उन्होंने कहा था, ‘आप जो भी करते हैं वह महत्वहीन हो सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे करें।’ हमें उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए और समाज में शांति और सद्भावना फैलानी चाहिए।”

“आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों, महात्मा गांधी ने हमें सिखाया कि ‘अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।’ उन्होंने अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित कर दिया। आज उनकी जयंती पर हमें उनके सिद्धांतों को याद करना चाहिए और अपने जीवन में लागू करना चाहिए।”

“सुप्रभात, आज हम महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मना रहे हैं। गांधी जी ने कहा था, ‘स्वयं को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, दूसरों की सेवा में खुद को खो देना।’ हमें उनके इस संदेश को समझना चाहिए और समाज की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।”

“प्रिय मित्रों, महात्मा गांधी ने हमें सिखाया कि ‘आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए।’ उन्होंने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। आज उनकी जयंती पर हमें उनके संघर्ष और धैर्य से प्रेरणा लेनी चाहिए।”

“आदरणीय शिक्षकगण और मेरे सहपाठियों, महात्मा गांधी ने कहा था, ‘एक देश की महानता और उसकी नैतिक प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां जानवरों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।’ हमें उनके इस विचार को समझना चाहिए और सभी जीवों के प्रति दया और करुणा का भाव रखना चाहिए।”

आदरणीय व्यासपीठ, उपस्थित मान्यवर, आणि माझ्या प्रिय मित्रांनो,, महात्मा गांधीजींनी आपल्या देशासाठी दिलेले योगदान अविस्मरणीय आहे. त्यांनी आपल्या जीवनात अनेक कठीण प्रसंगांचा सामना केला आणि तरीही सत्य आणि अहिंसेचा मार्ग सोडला नाही. गांधीजी म्हणतात, “गरीबी हा हिंसाचाराचा सर्वात वाईट प्रकार आहे.” त्यांच्या या विचारानेच त्यांनी गरीबांच्या हक्कांसाठी लढा दिला.

आदरणीय व्यासपीठ, उपस्थित मान्यवर, आणि माझ्या प्रिय मित्रांनो,, महात्मा गांधीजींच्या जीवनावर विचार करताना त्यांच्या विचारांची आठवण येते. त्यांनी आपल्या देशाला स्वातंत्र्य मिळवून देण्यासाठी अहिंसेचा मार्ग अवलंबला. गांधीजींचे एक विचार आहे, “सत्य हे देव आहे आणि अहिंसा ही त्या देवाची आराधना आहे.” त्यांच्या या विचारानेच त्यांनी आपल्या जीवनात अनेक बदल घडवले.

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