SARASWATI VANDANA ( सरस्वती वंदना)




 


सरस्वती वंदना


या कुन्देन्दुतुषारहारधवला

या शुभ्रवस्त्रावृता ।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा

या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभि

र्देवैः सदा वन्दिता।

सा माम् पातु सरस्वतीं भगवती

निःशेषजाड्यापहा॥१॥

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः

गुरुर्देवो महेश्वरः

गुरु साक्षात् परब्रह्म

तस्मै श्रीगुरुवे नमः॥






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