शिक्षक दिवसपर हिंदी भाषण
सम्माननीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, और मेरे प्रिय साथियों,
नमस्कार! आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज हम उस महान शख्सियत को सम्मानित कर रहे हैं, जो हमारी जिंदगी को सही दिशा देने का काम करते हैं। जी हाँ, आज शिक्षक दिवस है, वह दिन जब हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने हमें ज्ञान की रोशनी दिखाई और हमारे जीवन को संवारा।
मां-बाप की मूरत है गुरु,
इस पावन धरती पर भगवान की सूरत है गुरु।
गुरु ही ज्ञान का सागर है,
गुरु से ही जीवन का उद्धार है।
हमारे शिक्षक केवल एक पेशा नहीं निभाते, वे एक जिम्मेदारी निभाते हैं। वे हमें केवल किताबों का ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं। वे हमें सही और गलत का अंतर समझाते हैं और हमें एक अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा देते हैं।
शिक्षक वो दीपक हैं जो अज्ञान के अंधकार को मिटाते हैं,
ज्ञान की रोशनी से जीवन को जगमगाते हैं।
शिक्षक के बिना जीवन अधूरा है,
उनकी शिक्षा से ही यह जीवन पूरा है।
शिक्षक हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं। वे हमें केवल स्कूल की चार दीवारों के अंदर ही नहीं, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर हमारा साथ देते हैं। उनका योगदान अमूल्य है और उनके प्रति हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें सम्मान दें।
गुरु की महिमा का नहीं कोई ओर-छोर,
गुरु साक्षात् ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप है।
गुरु की कृपा से ही मिले हमें जीवन का सार,
गुरु बिना नहीं मिलता जीवन में कोई उपहार।
अंत में, मैं अपने सभी शिक्षकों को धन्यवाद कहना चाहता हूँ, जिन्होंने हमें इस काबिल बनाया कि हम आज यहाँ खड़े होकर अपने विचार व्यक्त कर सकें। हम सभी को अपने शिक्षकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और उनकी दी हुई शिक्षा को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
धन्यवाद!