20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिंतक ओजस्वी लेखक तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ.बाबासाहब आंबेडकर एक महान थे | अपने अथक परिश्रम, कौशल से उन्होंने संविधान कें निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया| इसी लिए उन्हें ‘भारत कें संविधान का जनक’ भी माना जाता है| बचपन से ही उन्हें शिक्षा के प्रति लगाव था| उन्होंने ₹2 आप कमाते हो,तो ₹1 रोटी को और ₹1 किताबों पर खर्च करना कहां था | इसीसे उनका पढ़ना कितना जरूरी है यह बात सामने आती है| अनेक कष्टों को सहन करना करते हुए,अपने संघर्ष और कठोर परिश्रम से उन्होंने प्रगति की ऊंचाइयों को स्पर्श किया था| उनके इस अलौकिक कार्य के लिए उन्हें ‘भारतरत्न’ से नवाजा गया| उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता| धन्य है भारत भूमि जिसने ऐसे महान सपूत को जन्म दिया|
आशिष अनिल देशपांडे (सर)
राज्यस्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम मार्गदर्शक
कॉल व व्हॉट्सअॅप – 9021481795
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